कारक किसे कहते हैं? कारक की परिभाषा, भेद, चिह्न और उदाहरण हिन्दी में नोट्स- Karak Kise Kahate Hain? Karak Ki Paribhasha, Bhed, Chinh Aur Udaharan(What are the factors? Definition, distinction, symbol and example of factor notes in hindi )
Hello दोस्तों आज हम आपको कारक किसे कहते हैं, कारक के भेद, परिभाषा, और उदाहरण इत्यादि बताएंगे। आप सिर्फ बने रहे इस लेख पर।
कारक किसे कहते हैं? कारक की परिभाषा, भेद, चिह्न और उदाहरण ।
कारक किसे कहते हैं?
जो शब्द वाक्यों में संज्ञा व सर्वनाम शब्दों का आपस में सम्बंध स्थापित करता हो या दर्शाता हो तथा जो सम्बंध को दर्शाता वह कारक कहलाता हैं।
जैसे:- श्याम ने पढ़ाई पूरी कर दी है।(कारक चिन्ह है।)
कारक के भेद
(1). कर्ता कारक
(2). कर्म कारक
(3). करण कारक
(4). संप्रदान कारक
(5). अपादान कारक
(6). सम्बंध कारक
(7). अधिकरण कारक
(8). संबोधन कारक
(1). कर्ता कारक
जिस वाक्य में क्रिया करने वाले का बोध होता हो उसे कर्ता कारक कहते हैं तथा कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ' ने ' है।
जैसे:- राम ने खाना खाया। [राम(कर्ता),' ने 'कर्ता कारक]
(2). कर्म कारक
जिन वाक्यों में जो शब्द क्रिया को प्रभावित करता है वह कर्म कारक कहलाता है तथा कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह ' को ' है।
जैसे:- राम को फल अच्छे लगते हैं।(कर्म कारक)
(3). करण कारक
जिन वाक्यों में किसी साधन से कर्ता अपना कर्म पूरा करने का बोध होता हो उसे करण कारक कहते हैं तथा करण कारक का विभक्ति चिन्ह ' से ' और ' के द्वारा ' है।
जैसे:- आप मेरा लेख मोबाइल के द्वारा पढ़ रहे हो।(करण कारक)
किताब से ज्ञान प्राप्त होता है ।(करण कारक)
(4). संप्रदान कारक
जिस वाक्य में संज्ञा और सर्वनाम शब्दों में क्रिया को पूर्ण रूप से संपन्न किया जाए वह संप्रदान कारक कहलाता है तथा संप्रदान कारक का विभक्ति चिन्ह ' को ' और ' के लिए ' है।
जैसे:- राम को फल देदो।(संप्रदान कारक)
श्याम के लिए राम पुस्तक लेकर आया है।(संप्रदान कारक)
(5). अपादान कारक
जिन वाक्यों में अलग होने का बोध होता हो या तुलनात्मक रूप दिखाई दे वह अपादान कारक कहलाता है तथा अपादान कारक का विभक्ति चिन्ह (से ) होता है।
जैसे:- राम से श्याम पढ़ाई में बेहतर है।(अपादान कारक)
(6). सम्बंध कारक
जो शब्द संज्ञा व सर्वनाम शब्दों के आपस के सम्बंध को दर्शाता है वह सम्बंध कारक कहलाता हैं तथा सम्बंध कारक का विभक्ति चिन्ह (का, की, के, ना, नी, ने, रा, री, रे) होता है।
जैसे:- यह राम की पुस्तक है ।(सम्बंध कारक)
(7). अधिकरण कारक
जिन वाक्यों में संज्ञा व सर्वनाम शब्दों में क्रिया को सूचित किया जाए वह अधिकरण कारक कहलाता है तथा अधिकरण कारक का विभक्ति चिन्ह (में,पर) होता है।
जैसे:- किताब बस्ते में रखी है।(अधिकरण कारक)
टेबल पर सेब रखा हुआ है।(अधिकरण कारक)
(8). संबोधन कारक
जिन वाक्यों में संज्ञा व सर्वनाम शब्दों में किसी को संबोधित या बुलाया जाए वह संबोधन कारक कहलाता है तथा संबोधन कारक का विभक्ति चिन्ह (अरे!, ओ! है!) होता है।
जैसे:- अरे! ये क्या हो गया है।(संबोधन कारक)
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